
प्रिय छात्र-छात्राओं,
एकलव्य विधि महाविद्यालय, महोबा रोड, बाँदा की स्थापना बुन्देलखण्ड परिक्षेत्र की ऐसी संकल्पना और ...........की प्रेरणा का अनुशरण प्रत्यक्षीकरण है, जहाँ विधि-शिक्षण, अध्ययन और अध्यापन तथा व्यावहारिक विधि- ज्ञान की पूर्ण सुविधा और स्वतंत्रता है। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध यह महाविद्यालय शिक्षण की दृष्टि से वैज्ञानिक प्रणाली के अनुसरण में अब अग्रणी महाविद्यालय है। इस महाविद्यालय में विद्यार्थियों को शिक्षण के उपरान्त विधि व्यवसाय के प्रति उन्मुख होने कार्य करने तथा आत्म निर्भर होने का पथ प्रशस्त किया जाता है। अतः यह अन्य विधि महाविद्यालयों के समतुल्य होते हुए भी उनसे भिन्न है। विद्यार्थी स्वतः विधि से रोजगार क्षमता विकसित कर सकेगा। महाविद्यालय में, प्रदेश और भारत में प्रकाशित होने वाली प्रमुख विधि पत्रिकाएं. ग्रन्थ, अध्यादेश विधेयक आदि अध्ययन हेतु उपलब्ध हैं।
बाँदा के सीमावर्ती जनपदों - बाँदा के अतिरिक्त हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, के विद्यार्थी इलाहाबाद, कानपुर और झाँसी में विधि अध्ययन के लिये विवश थे जो आर्थिक रूप से और अन्यथा भी कष्ट साध्य होता है।
विधि शिक्षा के प्रति आकर्षित विद्यार्थियों की आकांक्षाओं, सामाजिक न्याय की राष्ट्रीय नीति और मानव समाज की सुरक्षा सुविधा को ध्यान में रखकर एकलव्य विधि महाविद्यालय / संस्थान की स्थापना का संकल्प सन् 2014-15 में महोबा रोड, बाँदा में सम्पन्न हुआ, जिसे महामहिम राज्यपाल उ0प्र0 ने अपनी स्वीकृत प्रदान करते हुए इसे बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कर बुन्देलखण्ड की आकांक्षाओं की प्रतिपूर्ति करने की कृपा की है। भारतीय विधि परिषद, नई दिल्ली ने भी उसी के अनुरूप वर्ष 2014-15 में विद्यार्थियों के प्रवेश देने की स्वीकृति प्रदान की है। वर्तमान में त्रिवर्षीय कोर्स में 120 तथा पंचवर्षीय कोर्स में 60 सीटें स्वीकृत है। हमारी अपेक्षा है कि छात्र विधि शिक्षा प्राप्त कर समाज में समाहित हो। इस पावन संकल्प में आप सभी समिधाओं का योग कर विधि शिक्षा के यज्ञ में योगदान करें।
धन्यवाद!
शकुन्तला
प्रबन्धक, एकलव्य विधि महाविद्यालय